– ओ. पी. सिंह

पिछला हफ्ता ऊ बाति हो गइल जवन कबो होखे के सोचलो बड़ बाति लागत रहुवे. तीन तिलाक प मोदी सरकार आपन विधेयक बिना कवनो बवाल लाकसभा से पास करा लिहलसि. आजादी का बाद से हाल फिलहाल ले अपना वोट बैंक के पोसे वाली कांग्रेस के पुरनकी अध्यक्षा ओह दिन गोवा में मस्ती करत रही आ नयका अध्यक्ष कहाँ रहलें केहू के पता ना रहल. खैर बबुआ के त हमेशा से आदत रहल बा कि जबो कवनो बड़हन मुद्दा संसद में जलत होखे ऊ संसद में ना जासु. एह से एगो खास सुविधा ई होला कि बाद में हवा देखि के आपन रुख तय कइल जा सकेला. कहल गइल बा कि मनुज बली नहीं होत है समय होत बलवान. समय का फेर से जनम से पारसी बाप आ ईसाई महतारी के बेटा अपना के जनेऊधारी हिन्दू होखल देखावे लागल. हिन्दू होखला ला कवनो खास रस्म भा कर्मकाण्ड ना करे के पड़े. बस रउरा अपना के हिन्दू कह दीं, रउरा के हिन्दू मान लीहल जाई. बाकिर जनेऊधारी बने ला बाकायदा संस्कार कइल जाला आ अपना उछाह में एह सचाई के अनदेखी क गइलें बबुआ आ उनुकर गोल. एहिजा इण्डोनेशिया के राजकुमारी के चरचा कइला के कवनो जरुरत नइखे जे बाकायदा पूजा पाठ करा के हिन्दू बन गइली. हम अपना चरचा के इन्डोनेशिया ना ले जाके इण्डिये में राखल चाहब. हँ त लड़ि के लिया है पाकिस्तान हँस के लेंगे हिन्दुस्तान के दावा करे वाला जमात के कुछ बुझात नइखे कि का करो कि ओकर पुरनका रुतबा वापिस मिल जाव. ऊ देखत बा कि अब लोग कोट का ऊपर जनेऊ पहिरे लागल बा. अब सगरी गोल अपना के हिन्दू बतावे जतावे में लाग गइल बाड़ें. सुनत बानी कि हिन्दुवन प गोली चलवा के अपना वोट बैंक के खुश करे वाला मुलायम के बेटो अब हिन्दुवन के गोड़लागी करे के फैसला कइले बाड़न. उनुकर गोल अब अपना के असली हिन्दु हितकारी होखे के दावा करी आ बलाई कि भाजपा असली हिन्दुवादी ना ह. पता ना साँच कि झूठ बाकिर दिदियो पुरोहित समागम करावे जात बाड़ी एकर चरचा सोशल मीडिया प पसरल बा. केहू अब अपना के तुष्टकरण वाला राजनीति का राहे चलत नइखे देखावल चाहत. एह माहौल में हो सकेला कि मोदी सरकार अब एक देश में एक विधान लागू करावे के आपन सपना पूरा करावे में लागल लउके. हिन्दू समाज के बाँट के आपन जीत हासिल करे वाला लोग परेशान बा कि तीन तिलाक कानून से बँट गइल मुस्लिम समाज के कइसे आपन वोट बैंक बनवले राखो. ओह लोग का गोड़ तरे से जमीने हटा लीहल गइल बा. तीन तिलाक के अपराध बनावे वाला एह कानून के खिलाफत उहो लोग करे में लागल बा जे अपना के सेकूलर बतावे ला. सोचे वाली बाति बा कि अइसन नइखे हो गइल कि केहू अपना बेगम के तिलाक ना दे सके. तिलाक देबे के अउरियो तरीका बा जवना के अबहियों इस्तेमाल कइल जा सकेला. बाकिर ओह तरीका से हलाला कारोबार के परवरिश ना हो सके. आ हलाला कारोबारी शायद एही से बेसी परेशान बाड़ें. मियाँ बीबी का झगड़ा में आपन बिस्तर गरम करे वाला लोग जानत बा कि तिलाक के दोसर तरीका इस्तेमाल कइला से हलाला करावे के जरुरत ना पड़ी. अरब देशन के शेख के मुताह निकाहो वाला धंधा बन्द होखे के अनेसा हो गइल बा. एहू चलते कुछ लोग परेशान बा आ कहल बा कि एह कानून से औरतन के कवनो भलाई नइखे होखे वाला, उलुटे ओह लोग के परेशानी अउरी बढ़े वाला बा. एह सब हो हल्ला का बीचे तिलाकल मेहरारुवन के खेवा खरचा चलावल देश का माथे थोपे के कोशिशो हो रहल बा. कहल जा रहल बा कि जब तिलाक देबे वाला शौहर जेल चलि जाई त खेवा खरचा के दी. अगर इहे तर्क मान लीहल जाव त कवनो अपराधी के जेल ना होखे के चाहीं काहें कि ओकरा जेल चलि गइला का बाद ओकरा परिवार के परवरिश के करी, कइसे चली. अगर परिवार के अतने फिकिर बा त जुर्म करे के कवन जरुरत बा. अपना वोट बैंक के तिलाक देबे वाला गोलो सोचे कि अब ओकरा वोट बैंक के परवरिश कइसे होखी. बाकिर ऊ लोग त अब आपन बैंके बदले का जुगाड़ में बा. पता चलि गइल बा कि एगो बैंक अइसनो बा जवन दुगुना फायदा देला. वोट बैंकिंग अमर रहे !

(अतवार 31 दिसम्बर 2017 का दिने कोलकाता से छपे वाला अखबार समाज्ञा में अँजोर भइल.)

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By Editor

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