सत्य एके होला बाकिर विद्वान ओकरा के तरह तरह से परिभाषित करेलें. आ एही बात के अगर आम बोलचाल के भाषा में कहल जाव त कहल जा सकेला – ‘ऐ तोहार चेन खुलल बा !’ ई कहाउत भोजपुरी भा हिन्दी में ना मिली बाकिर अंगरेजी में खूब सुने के मिल जाला कि the zipper on your pants is down भा your barn door is open! उमरदराज लोगन का साथे ई गलती आए दिन हो जाला. अइसहीं एगो बूढ़ के केहू टोक दीहल कि – ‘चाचा, तोहार गैराज बन्द नइखे’ त उनुकर जवाब रहल कि, ‘बबुआ जब गाड़ी खटारा हो जाव त गैराज में ताला लगावे के जरुरते ना होखे!’
अब आईं आजु के मूल मुद्दा पर. सीएसडीएस आ लोकनीति का तरफ से एगो चुनाव पूर्व सर्वेक्षण अंगरेजी के जानल-मानल अखबार ‘दि हिन्दू’ में छपल बा. बहुते लोग सोचेला कि आखिर ई अखबार आपन नाम काहे नइखे बदल लेत, जब ओकरा सब कुछ हिन्दू का खिलाफे लिखे-बोले के बा. बाकिर ई अभिव्यक्ति के आजादी पर हमला होखी. गैर हिन्दूवन के पूरा अधिकार होला कि ऊ लोग हिन्दू भा हिन्दुत्व का खिलाफ कुछऊ बोल सकेला. हँ, अगर हिन्दू कवनो दोसरा मजहब भा रिलीजन के बारे में कुछ अटपट बोलसु त ऊ सांप्रदायिकता का दायरा में हो जाला आ अमानुल्लाह भा स्टिफेन के पूरा हक हो जाला कि ओकरा के हेट स्पीच मान लेसु.
हमरा में इहे एगो खराब आदत हवे कि कहे कुछ चलिलें आ कहे कुछ अउर लागिलें. एहसे कुछ कुछ देर बाद हमरा वापस मूल मुद्दा पर आवे के पड़ जाला. असल में आजु हम इहे तय नइखीं कर पावत कि मूल मुद्दा का बावे. सीएसडीएस आ लोकनीति के सर्वेक्षण आ कि मीडिया के बेवहार?
असल में लिखे बइठनी एही चलते कि एह सर्वेक्षण के अइला का बाद मुर्छित लिखलानन के संजीवनी मिल गइल बा. बाकी लोग बाहर निकल के खबर खोजेला आ हम गणेश परिक्रमा करत सोशले मीडिया से खबर निकालत रहेनी. आ सोझ बोले के आदत ना रहला से हर बात में बतगंड़ निकाले के मौका देखत रहिलें. शब्दन का साथ खेले के आदत बतकुच्चन करत-करत सुभाव में आ गइल बा. से आजु यूट्यूब भ्रमण करत साँच के भसुर आशुतोष के चैनल सत्य हिन्दी चल गइनी. मुद्दा ठीक लागल त सोचनी कि काहे ना ओहिजो देख लीं जहाँ से एकर चरचा शुरु भइल आ चल अइनी दि हिन्दू अखबार पर. पूरा खबर अंगरेजी में पढ़े के होखे त नीचे दीहल लिंक से ओहिजा जा सकीलें –
एहिजा हम सर्वेक्षण के चरचा कम करब, एने-ओने के बात बेसी. तथ्य त एके होला बाकिर ओकर कथ्य बदलत रहेला. जइसे कि जब एह सर्वेक्षण का बारे में गूगल बाबा से जानल चहनी त ऊ जवन परोसल तवना के स्क्रीनशॉट नीचे देख लीं. चार गो अखबार भा मीडिया चैनल में एकरा के चार तरह से परोसल गइल बा एकर आभास एकरे से हो जाई.
सर्वेक्षण में कहल त बहुत कुछ गइल बा बाकिर ओकर खास-खास बात संक्षेप में बतावत बानी.
लड़ाई तगड़ा बा बाकिर भाजपा का तरफ झुकल लागत बा.
चलऽ कम से कम अतना त मनलऽ बाकिर एकरे से एगो आस जाग जाता विघ्नसंतोषियन का मन में कि लड़ाई तगड़ा त बा बाकिर एकतरफा नइखे.
अधिकतर लोग मानत बाड़न कि देश खाली हिन्दुवने के ना होके सभकर ह!
एहमें का अचरज. हिन्दूत्व त वसुधैव कुटुम्बकम के आ सर्व धर्म समभाव के बात करेला. ऊ त कहबे करी कि हिन्दुस्थान सभकर हऽ. ऊ इ त कबो ना कही कि हिन्दुस्तान हमरो बाप के हऽ!
भाजपा के मिले जा रहल मत-प्रतिशत कांग्रेस के मत-प्रतिशत का दुगुना के करीब बा.
बाकिर विरोधियन के उमीद एह बात से जागत बा कि भाजपा के मत-प्रतिशत चालीसे फीसदी बा. माने कि देश के बहुमत ओकरा खिलाफ बा. आ कांग्रेस के मिले जा रहल मत-प्रतिशत भाजपा से महज बारहे फिसदी कम बा. आ एहिजे इहो देखावल जरुरी बा कि एकरा के कइसे पेश कइल गइल बा. या त नाम के वर्ण क्रम से रहीत ना त परिणाम के संख्या क्रम से. बाकिर अखबार देखावत बा कि ओकर चेन खुला बा आ ऊ कांग्रेस के सबसे आगे राखे में विश्वास करेले.
सर्वेक्षण में बतावल गइल बा कि लोग सकारात्मक बा भाजपा सरकार के कामकाज का बारे में.
बाकिर विरोधियन के आस एह बात पर जागत बा कि चालीस फीसदी लोग भाजपा सरकार के कामकाज से खुश नइखे.
मोदी के गारंटी राहुल के गारंटी से सात अंक आगा बा.
कांग्रसियन के बाँछ खुल गइल कि ओकरो गारंटी मोदी के गारंटी से मुकाबला करे का रेस में शामिल बा.
एक चौथाई लोग राममंदिर बनवावे के बात बड़का उपलब्धि में गिनत बा.
विरोधियन के बाँछ खिल जाता ई सोच के तीन चौथाई लोग एकरा के खास नइखे मानत.
एक चौथाई लोग महँगाई से निपटे में भाजपा के कमजोर देखत बा आ अतने लोग मानत बा कि बेरोजगारी से ठीक से नइखे लड़ले भाजपा सरकार.
वाह-वाह. आधा लोग मानत बा कि भाजपा सरकार के कामकाज ठीक नइखे.
सर्वेक्षण से निकल के आइल बा कि दक्खिन के राज्यन में अबकी बेर भाजपा के प्रदर्शन बेहतर रहे वाला बा.
अरे, मूस मोटाई लोढ़ा होई!
सर्वेक्षण से कहना बा कि अगर तिकोनिया भा चौकोनिया लड़ाई भइल त भाजपा बीस साबित होखी.
एही खातिर नू इंडी बना के लड़त बाड़ें विपक्षी.
सर्वेक्षण मानत बा कि भाजपा का खिलाफ कवनो साफ आ नजदीकि चुनौती नइखे लउकत. भाजपा आर्थिक विकास का मुद्दा पर पीछे रहला का बावजूद पसन्द में सबले आगे बा आ ई एक तरह के विरोधाभास मानल जा सकेला.
का कहल जाव. लोग के अइसन ना बूड़बक बना दिहले बाड़न मोदी कि असली मुद्दा सामने आइए नइखे पावत.
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