नौ गो समन का खिलाफ अदालतन में बहत्तर बेर गोहार लगा चुकल अरविन्द केजरीवाल के आजुओ दिल्ली हाईकोर्ट से कवनो राहत ना मिलल.
आगे बढ़े सेे पहिले बता दीहल चाहत बानी कि अदालत केे कार्रवाई भोजपुरी में नइखे भइल आ बहुत कुछ अपना सुविधा से लिखल गइल बा. जइसेे कि गोहार बहत्तर बेेर सेे अधिका लगवले बाड़न कि कम एह मामिला में पक्का कुछ ना कह सकी. बाकिर जइसन कि मीडिया में खबर आवत बा ओकरेे आधार पर ई पोस्ट कइल जा रहल बा.
हमरा इहो नइखे मालूम कि गोहार अरविन्द केजरीवाल का तरफ सेे निजी आधार पर लगावल गइल बा कि दिल्ली के मुख्यमत्री होखला का नातेे. अगर मुकदमा अरविन्द केजरीवाल निजी तौर पर लगवलेे बाड़न त हम त इहे कहब कि उनुका लगे भरपूर माल हो गइल बा. ना त अतना महँगा-महँगा वकीलन के फीस कइसेे देतन. आ अगर दिल्ली सरकार का तरफ से गोहार लगावल गइल बा त काहेें ? ईडी के त इहे कहना बा कि ऊ अरविन्द केजरीवाल के निजी तौर पर समन भेजले बाड़ेें.
अरविन्द केजरीवाल आ उनुका गोल के अउरिओ नेता सवाल उठावल करेेलेें कि समन गवाह का तौर पर बा कि अपराधी का तौर पर, निजी हवे कि दिल्ली के मुख्यमत्री होखला का चलतेे, आ कि आ आ पा के राष्ट्रीय संयोजक होखला का नाते ? त केजरीवालो के ई बतावेे केे चाहीं कि रोजेे रोज ऊ कवनो ना कवनो अदालत में आपन गोहार कइसेे आ कवना तौर पर लगावत बाड़न ?
जब सत्येन्द्र जैन गिरफ्तार भइलन, मनीष सिसोदिया गिरफ्तार भइलन, भा संजय सिह गिरफ्तार भइलन तहिया त केजरीवाल ओह लोग के वाहवाही करत रहलन, भगत सिेंह केे अवतार बतावत रहलन. बाकिर जब अपना कपारे पड़ल तहिया पेटझरी काहे होखे लागल ?
दोसरे सवाल ईडी से ई बा कि केजरीवाल के कवना कारण अतना ढील दे रहल बिया ? का हर आदमी के जेकरा के ऊ समन भेजी ई अधिकार में होखी कि ऊ समन पर हाजिर होखे कि ना ? आ अदालतो के बतावे के चाहीं कि का आम आदमी के ई छूट मिल सकेला कि समन पर ना जाव ?
बाकिर अदालत कह सकेला कि सवाल बड़क-बड़का वकीलन के बा, जवनन के नजरअंदाज करेे केे बेेंंवत कवनो अदालत के कवनो न्यायाधीश का लगे नइखे ! बड़का वकीलन के त अवमानना के जुर्मानो महज एक रुपिया के लगावल जाला जबकि अदालतन के बढ़िया से मालूम बा कि एह वकीलन का लगे एक रुपिया के सिक्का त होखबे ना करेे.
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