करोड़ों के लागत से शीश महल बनवा के आठ लाख रुपिया के कमोड पर हगे वाला अरविन्द केजरीवाल के अदालत आम आदमी मान लिहलसि. कहलसि कि कानून का नजर में केजरीवाल के हैसियत एहसे अलग ना मानल जा सके कि ऊ मुख्यमंत्री हउवन.
3 अप्रैल 2024 का दिने अ.के. के गिरफ्तारी के गैर कानूनी बतावे वाला अरजी के सुनवाई का बाद दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा आजु आपन फैसला सुना दिहली.
अदालत कह दिहलसि कि जवन सुबूत ईडी का तरफ से पेश कइल गइल बा ओकरा के देख के लागत बा कि अरविन्द केजरीवाल एह घोटाला में शामिल रहलन. अदालत का नजर में सभे बराबर होला चाहे ऊ मुख्यमंत्री होखे भा आम आदमी.
एह फैसला का बाद अ.के. का भर मुँहे काजर पोता गइल आ इज्जतदार आदमी होखिहें त आपन मुँह देखावे में उनुका लाज लागे लागी. बाकिर अ.के. से अइसनका कवनो उम्मीद राखल गलत होखी. अ.के. कुछऊ कर सकेलें, कुछऊ बोल सकेलें. उनुका लगे एकर स्वयंभू अधिकार बा. उनुकर पोसुआ कुकुरन के फेंकरल सुने ला सोशल मीडिया साइटड पर खोजनी बाकिर अबहीं लागत बा कि ओहनी के ठकुआ मार दिहले बा. हो सकेला कि कुछ देर बाद जब होश आवे त एह फैसला के चीर-फाड़ शुरु करिहें सँ.
अ.के. के पैरवी करे खातिर बड़का वकीलन के एगो टोली मौजूद रहुवे अदालत में. बड़का वकील अभिषेक मनु सिंघवी का साथे अमित देसाई, विक्रम चौधरी, विवेक जैन वगैरह अनेके वकील बहस में शामिल रहलें.
अदालत इहो कहलसि कि अ.के. के बखूबी पता रहल होखी कि लोकसभा के चुनाव कब होखे वाला बा. शायद ओकर इशारा रहुवे कि अ.के. जानबूझ के मामिला के तब ले लटकवले रखलन जबले चुनाव के घोषणा नइखे हो जात. शायद उनुका उमेद रहल होखी कि कोढ़िया डेरावे थूक से का तर्ज पर उनुकर गिरफ्तारी चुनाव घोषणा का बाद ना हो पाई काहे कि सरकार के लागी कि एहसे अ.के. के सहानुभूति मिल जाई. केजरीवाल सभ कुछ गँवा दिहलन. नव गो बोलहटा के महटिया के ऊ बता दिहलन कि उनुका कवना बात के डर बा. एहसे जनता के सहानुभूतिओ उनुका ना मिलल आ गिरफ्तारी का बाद दिल्ली के जनता में सहानुभूति के कवनो लहर ना उपजल.
जेकरा लगे अकूत संपति बा आ लाखों रुपिया हर पेशी पर लेबे वाला वकीले ना वकीलन के एगो बड़हन टोली मौजूद बा से ऊ एह फैसला का खिलाफ सुप्रिमो कोर्ट जइबे करिहें. अब इन्तजार बा कि सुप्रीम कोर्ट का कहत बावे अ.के. के गोहार पर.
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