परधानी चुनाव का दौरान गाँव पर भोजपुरी पत्रिका पाती के संपादक डा॰ अशोक द्विवेदी से भइल मुलाकात में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा॰ अवधेश प्रधान बतवलन कि मारीशस यात्रा का दौरान यूपी के मंत्री अम्बिका चौधरी ओहिजा मंच से एलान कइले रहलन कि ‘बीएचयू में विश्व भोजपुरी सम्मेलन करावल जाई आ एहला धन के इंतजाम यूपी सरकार का तरफ से कइल जाई. भोजपुरी अध्ययन आ अनुसंधान वगैरह खातिर दू करोड़ दीहल जाई!’ बाद में अंबिके चौधरी मंत्री नइखन रहि गइल त उनका वादा के पुराई के!
डा॰ प्रधान आ प्रो॰ सदानन्द शाहीओ ओह मारीशस यात्रा में रहलन. डा॰ प्रधान बतवलन कि ओहिजा से लवटला का बाद सम्मेलन के आयोजन आ प्रचार प्रसार के तइयारिओ शुरू क दीहल गइल. भोजपुरी अध्ययन केन्द्र के समन्वयक प्रो॰ साही एह सिलसिला में प्रदेश सरकार आ मंत्रीजी से सहायता लेबे खातिर लखनऊ के दउड़ो लगवलन बाकिर कुछ होखत लउकल ना. से अब एह हालात में भोजपुरी सम्मेलन होखे के कवनो आसार नइखे लउकत.
जान जाईं जे एही तरह कुछ महीना पहिले हमहन के माननीय मुख्य मंत्री अखिलेश यादव एलान कइले रहलन कि उत्तर प्रदेश में भोजपुरी अकादमी के जल्दिए गठन क दीहल जाई. ओह घरी पूर्वांचल के आस बन्हाइल रहुवे कि पटना, दिल्ली आ भोपाल का बादे सही बाकिर यूपीओ में ओकरा भाषा भोजपुरी के अकादमी के गठन हो जाई. बाकिर उहो एलान ढपोरशंखिए निकलल आ लागत नइखे कि वइसन होखे वाला बा.
भोजपुरी अपने लोग के उपेक्षा आ दंश के शिकार होखत आइल बिया. एही इलाका के हिन्दीवादियन के अड़ंगेबाजी से भोजपुरी के ओकर हक नइखे मिल पावत. जीवन्त संस्कृति आ संपन्न साहित्य होखला का बावजूद एह भाषा के ऊ गरिम नइखे मिलत जवना के ई हकदार बिया.
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