– ओ.पी. अमृतांशु
नीमिया भइली कचनार,
महारानी रउरी अँगना में !
लहसेला दावाना-मडुयावा,
फुलाइल बेला फुलवा नू हो,
ए मईया, गमकेला ओढ़ऊल हार
महारानी रउरी अँगना में !
चम-चम चमकेला मुखड़ा,
कि लाखो चंदा टूकड़ा नू हो,
ए मईया, दमके त्रिशूल-तलवार
महारानी रउरी अँगना में !
पुआ-मिष्ठान, छप्पन भोगवा,
लागल बा झुलनवा नू हो,
ए मईया, झूमत बाटे शीतलि बेयार
महारानी रउरी अँगना में !
भरि गईलें बांझिनी के कोखवा,
पोछाई गईलें लोरवा नू हो,
ए मईया, ओपिओ करत बा गोहार
ए मईया, आइल बा ‘अंजोरिया’ परिवार
महारानी रउरी अँगना में !
बहुत अच्छा लिखा है O.P.G.
भगवान आपकी सारी मनोकामना पूरी करें |
नीमिया भइली कचनार,
महारानी रउरी अँगना में !
राउर ‘कचनार’ शब्द से देवी गीत कंचन हो गईल बा !
बहुत नीक लागल!
धन्यवाद !
राउर
रंजीत कैरोस
Bhei Waah! Ka baat hai!!! Mata ki jai ho!!
bahut hi atchcha likha hai opg
जय माता दी………….ओ.पी.जी की नयी प्रस्तुति महारानी रउरी अँगना में सुपरहिट है! मातारानी आपकी हर मनोकामना पूरी करें!