– पाण्डेय हरिराम
दू दिन पहिले आचार्य धर्मेन्द्र जी महाराज कोलकाता में रहनी. एगो मुलाकात का दौरान उहाँ का बतावे के कोशिश कइनी कि अपना देश के हिन्दू अपना धार्मिक संस्कार से कतना दूर जा चुकल बाड़े. उहाँ का विचारधारा से ले के रामजन्मभूमि तकले के कई विषयन पर चर्चा कइनी आ जागरण के जरुरत बतलवनी. एही विचार विमर्श का दौरान उहांके एगो इशारो कइनी कि सरकार चाहे ऊ मौजूदा सरकार होखो भा एकरा से पहिले वाला, सभे अपना मतलब का चलते हिन्दूवन के आत्मबल कम करे के कई गो साजिश कइले बाड़े. शुरु में त इहे लागल कि जइसे आम धर्माचार्य लोग कहेला वइसने धर्मेन्द्रोजी के कहना बा, बाकिर एगो बात दिमाग में घूमत रहल कि हिन्दूवन के आत्मबल के कम करे के साजिश के मतलब का हो सकेला?
दूपहरिया बाद आफिस में बइठल रहीं त खबर आइल कि अमेरिका हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी (हूजी) आ इलियास कश्मीरी के आतंकी संगठन घोषित कर के पाबंदी लगा दिहले बा. अचके में याद के झकोरा आवे लाल. कुछ दिन पहिले हमनी के जाँच एजेन्सी कहले रही स कि किछ हिन्दू संगठन मुसलमानन का खिलाफ आतंकी कार्रवाई में लागल बाड़न. एह तरह के पहिलका घटना रहुवे समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट आ दूसरका घटना रहुवे हैदराबाद के मक्का मस्जिद में विस्फोट. एह घटनन के जाँच करे वाली एजेन्सी राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी एन आई ए का मुताबिक समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट करावे वाला लोगे अजमेर शरीफ, मालेगाँव के मस्जिद, आ हैदराबाद के मक्का मस्जिद में विस्फोट से जुड़ल रहले. एह सिलसिला में अभिनव भारत संगठन के तीन जने के गिरफ्तारो कइल गइल बा. ई गिरफ्तारी साल २००८ में भइली स.
दिलचस्प बाति ई बा कि पहिला जुलाई २००९ के अमेरिका सरकार एगो प्रेस विज्ञप्ति जारी कइले रहे जवना में चार जने के विवरण रहुवे. ऊ चारो लोगग ओहिजा गिरफ्तार रहले आ आपन जुर्म कुबूल कर चुकल रहले. ओहमें से एगो आरिफ कासमी सकरले रहुवे कि समझौता एक्सप्रेस का विस्फोट खातिर आ बाद में मुंबई लोकल में विस्फोट खातिर ऊ लश्कर से मिल के काम कइले रहुवे. ऊ इहो मनले रहुवे कि ऊ भारत में अइसनका गतिविधियन खातिर पइसो बिटोरेला आ एह काम में साल २००१ से लागल बा.
दोसरा तरफ भारत सरकार के कहना बा कि अजमेर शरीफ ब्लास्ट में शामिल होखे का आरोप में जवना आदमी के पकड़ल गइल बा उहे मक्को मस्जिद का विस्फोट से जुड़ल बा. अमेरिका सरकार ६ अगस्त ढ़०१० के एगो अधिसूचना जारी करके हूजी आ इलियास कश्मीरी के आतंकी संगठन घोषित कइले बा. एह समाचार पर अमेरिकी पत्रकार पीटर फाउलर लिखले बाड़न कि मार्च २००६ में कराची में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर हमला आ मई २००७ में हैदराबाद के मक्का मस्जिद पर हमला खातिर हूजिये जिम्मेदार बा.
एहसे इहे निष्कर्ष निकलत बा कि अमेरिकी जाँचकर्तन का मुताबिक समझौता एक्सप्रेस विस्फोट में लश्कर के भूमिका बा आ मक्का मस्जिद का विस्फोट में हूजी के हाथ बा त हमनी के जाँचकर्ता कइसे कहत बाड़न कि एहमें हिन्दू संगठन के भूमिका बा? अब एके घटना खातिर दू दू गो संगठन कइसे जिम्मेदार हो सकेले?
कहीं हिन्दू संगठनन पर कीचड़ उछालि के हिन्दूवन के मनोबल घटावे के सोचल समुझल साजिश त नइखे होत? अब धीरे धीरे आचार्य जी के इशारा के मतलब बुझाये लागल रहे. सवाल अब ई बा कि देश के हिन्दू जनता अइसनका आपस्वार्थियन के नकार काहे नइखे देत?
पाण्डेय हरिराम जी कोलकाता से प्रकाशित होखे वाला लोकप्रिय हिन्दी अखबार के संपादकक हईं आ ई लेख उहाँ का अपना ब्लॉग पर हिन्दी में लिखले बानी. अँजोरिया के नीति हमेसा से रहल बा कि दोसरा भाषा में लिखल सामग्री के भोजपुरी अनुवाद समय समय पर पाठकन के परोसल जाव आ ओहि नीति का तहत इहो लेख दिहल जा रहल बा.अनुवाद के अशुद्धि खातिर अँजोरिये जिम्मेवार होखी.
प्रस्तुत लेख खोज-खबर पर ८ अगस्त के प्रकाशित भइल बा.
आलेख के मरम बिंदु से सहमत. आजादी के बाद से सरकार में केहु रहलऽ (हालांकि कांग्रेस पारटी सबसे जियादा समय तक रहल बिया) लेकिन सभे समाज में वास्तविक सद्भाव आ एकता रखे के कोशिश करे के बदला में, हर संभव वोट तुष्टिकरण के नीति पर ही चलल. दुनिया इस्लामी आतंकवाद से परेशान बिया लेकिन हमनी के देश के नीति-निर्धारक लोग तबो भी अफजल-कसाब जईसन राक्षसन के खाली वोट-बैंक खातिर दामाद बना के रखले बिया. ई कांग्रेसी स्वार्थी मानसिकता ही रहे जवन देश के बंटवारा करवलस. एह देश के बंटवारा में जेतना हाथ मुस्लिम लीग आ जिन्ना के रहे ओकरा से कम भूमिका नेहरू के ना रहे. कश्मीर समस्या उनकरे देन ह. हमनी जान के पईसा के एगो बहुत बड़हन भाग कश्मीर के दिहल जात बा, लेकिन नतीजा का बा?
एगो कहीं चिउंटियो मरत बिया तऽ कोशिश इहे रहत बा कि हिन्दू समाज आ लोगन के कवनी तरह फँसावल जाए. ऊ दिन दूर नईखे जब हमनीं जान के हालात (आपन कठमुल्लवा नेतवन के चलते) पाकिस्तान आ बांग्लादेश के हिन्दू लोगन खानीं हो जाई. अभियो त उहे हाल बा, ना विश्वास होखे तऽ महाराष्ट्र के मेराज में भईल मुस्लिम उत्पाद के बारे में पढ़ि लीं. खैर, चलत-चलत एगो लिंक देतऽ बानी…अपने सभे पढ़ल जाव…
प्रेमचंद पाकिस्तानी उर्फ काफिर! –> http://in.jagran.yahoo.com/news/international/general/3_5_6623254.html
समस्या गंभीर बा | समय आ गइल बा कि बुद्धिजीवी वर्ग मिल बैठके तात्कालिक हानि लाभ से ऊपर उठके निरपेक्ष होके देशहित में विचार करे |
________सीमा मिश्र