काल्हु जवन काम कपिल सिब्बल कर दिहले ओकरा के राजनीतिक रणनीति का तहत भलही जायज मान लिहल जाव बाकिर नैतिकता का तहत ई बहुत घटिया काम हो गइल. अब से सरकार के प्रतिनिधियन आ आन्दोलनकारियन का बीचे कवनो तरह के बातचीत विश्वास का माहौल में ना हो पाई. सामने वाला पक्ष कबहु खुल के आपन बाति ना कहि पाई आ सरकार खातिर मुश्किल हो जाई समाधान खोजल. बातचीत समझौता का क्रम में बहुत कुछ बोलल जाला बाकिर ओकरा के सामने ना ले आवल जाव. दोसरे बढ़िया राजनीति के दू गो सूत्र वाक्य होले. पहिला ई कि दुश्मन के कबहु कोना में मत घेरी आ दोसरे ई कि ओकरा चेहरा पर वार मत करीं. काल्हु ई दुनु गलती कपिल सिब्बल कर गइलर. थोड़ देर खातिर भले ऊ अपना चालबाजी से गदगद होखसु बाकिर सरकार खातिर ऊ रास्ता खराब कर दिहले.
बाबा रामदेव का लगे संगठन के ताकत बा. उनुकर सलाहकार परिपक्व आ कुशल बाड़े. तय बा कि सरकार के धोखाबाजी का बाद बाबा रामदेव नरम ना पड़ीहे. देश के कुकर्मियन के बचावे खातिर सरकार कवनो हद तक गिर सकेले इहे लागत बा अब आम आदमी के. बाबा से कहल गइल रहे कि दु तीन दिन में सरकार का तरफ से एलान कर दिहल जाई आ ओही पर बाबा के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण लिखित में दे दिहले रहले कि आन्दोलन दू तीन दिन में खतम कर दिहल जाई. सरकार आपन वादा पूरा ना कइलसि बाकिर बाबा रामदेव पर दबाव बनावल गइल कि ऊ आपन आन्दोलन रोक देसु. चिट्ठी के सार्वजनिक करि के कपिल सिब्बल चहले कि बाबा के राजनीतिक हत्या कर दिहल जाव. हत्या त ना हो पावल बाकिर बाबा रामदेव घवाहिल जरुर हो गइल बाड़न. अब जब ऊ अगिला कदम उठइहें त सरकार खातिर मुश्किल हो जाई जन आक्रोश के दबावल. लागत बा कि काग्रेस सरकार फेर ओह दिसाईं बढ़ रहल बिया जब जयप्रकाश आन्दोलन का समय देश में आपातकाल लगा दिहल गइल रहे आ देश के सगरी विरोधी नेतालोग के जेल में डाल दिहल गइल रहे. ओकर अंतिम परिणाम इंदिरा गाँधी के मिलल शर्मनाक हार से भइल रहे.
कपिल सिब्बल जइसन मंत्री कवनो सरकार खातिर नुकसानदेह हो सकेला. आशा बा कि अगिला फेर बदल में मनमोहन सिंह कपिल सिब्बल के उनुकर वाजिब जगह देखा दीहें. सरकार कानूनी दाँवपेंच से भा राजनीतिक धोखाधड़ी से ना चलावल जा सके. ओकरा खातिर जनता में विश्वास के माहौल बनावे के जरुरत पड़ेला. एक से बढ़ के एक तानाशाह जनता के एह ताकत से आपन सब कुछ गँवावत आइल बाड़े, लोकमत से चुनल सरकार के बिसाते कतना बा जनता का खिलाफ जाये के. एकबार जनता के मन में बइठ गइल कि ई सरकार देश हित में ना बलुक देश के लूटे वालन के बचावे खातिर काम करत बिया त ओकर गुस्सा कहियो ना कहियो सामने आवे से रोकल ना जा सके.
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