भोजपुरी क्वीन गुंजन पन्त हाल ही में मितवा थियेटर अवार्ड से सम्मानित की गई हैं. अब तक गुंजन पन्त को कई अवार्ड एवं सम्मान से नवाजा जा चुका है. चंचल चितवन मृग नैनी गुंजन की मोहक मुस्कान के दिवाने सभी सिनेप्रेमी हैं. जिस तरह गुंजन पन्त की अदा और अदाकारी दर्शकों बहुत ही प्रभावित करती है ठीक उसी तरह थियेटर के कार्यक्रम में उन्होंने अपने नृत्य से और करके उनका मन मोह लिया. उन्होंने दो लाइन गाते हुए कहा –
“चाँद की चकोरी से बात न होती. गर तुमसे ये हमारी बात नहीं होती.
शहर के लोगों में कोई बात है अंबर. वरना तो कभी इतनी हसीन रात ना होती.”
ये गाते ही पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा. उन्होंने बताया कि लखनऊ से उनका गहरा नाता है. यहां के लोगों में कला कूट कूटकर भरी है. इसीलिए जब उन्हें इस कार्यक्रम का न्योता मिला तो उन्होंने बिना किसी शर्त ख़ुशी ख़ुशी आने की बात स्वीकारी. मितवा प्रोडक्शन हाउस द्वारा लखनऊ में गोमती नगर स्थित संत गाडगे प्रेक्षागृह में मितवा महोत्सव के तहत मितवा थियेटर अवार्ड २०१४ का आयोजन किया गया. रंगारंग कार्यक्रम के साथ उत्तर प्रदेश के नाटक से जुड़े कलाकारों एवं तकनीशियनों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से यह अवार्ड किया गया. फिल्म निर्माता धर्मेन्द्र मौर्या और उनके ग्रुप के अशरफ अली, राम आशीष चौहान और राम बाबू द्विवेदी आदि द्वारा आयोजित किया गया. मितवा प्रोडक्शन हॉउस द्वारा निर्मित की गई भोजपुरी फिल्म “भईल तोहरा से प्यार – आई लव यू” का खूब प्रमोशन किया गया. इस मौके पर नायक विनय आनंद सहित बहुत से गणमान्य जन उपस्थित थे.
अगली बार लखनऊ आने पर गुंजन पंत ने इमामबाड़ा देखने की विशेष इच्छा ज़ाहिर की.
(रामचंद्र यादव)
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