अंडरवर्ल्ड पर बनी बहुचर्चित हिन्दी फिल्म पथ से रातो रात चर्चा में आये फिल्म निर्देशक शिवराम यादव को हमेशा इस बात की कमी खलती थी कि भोजपुरी में कंटेन्ट प्रधान फिल्मों की हमेशा कमी क्यो रहती है. रंगबाज और कालिया जैसी कामयाब भोजपुरी फिल्म निर्देशित करने वाले शिवराम यादव का मानना है कि यहां रुटीन मसाला फिल्मों को ही दर्शकोें के बीच परोसकर फिल्मकार इतिश्री कर देना बेहतर समझते हैं. शायद वजह भी साफ है कि भोजपुरी फिल्मकार प्रयोगधर्मी नहीं होते.
शिवराम यादव ने हाल में ही एक नयी भोजपुरी फिल्म साईन की है जिसके बारे में अभी से कयास लगाया जा रहा है कि यह फिल्म भोजपुरी सिनेमा की दुखती नव्ज पर हाथ रख देगी. मोती बी.ए. और प्रेम कुमार बैरागी आर्ट्स ने अपनी पहली फिल्म प्रेम की बसुरिया का निर्माण पूरा होने के बाद प्रोडक्शन नंबर दो के लिये शिवराम यादव को बतौर निर्देशक साईन किया है. इस फिल्म का निर्माण निर्माता मुकेश कुमार बैरागी कर रहे हैं. फिल्म के कास्ट और क्रू के बारे में अभी तक पत्ता नहीं खोला गया है.
माना जा रहा है कि यह एक एक कंटेंट प्रधान फिल्म होगी . मौलिक और इनोवेटिव कहानियोंं की कंगाली के मौजूदा दौर में यह भोजपुरी फिल्म फिल्मकारों और दर्शक दोनो के लिये उम्मीद और प्रेरणा की किरण बनने वाली है. और यह फिल्म राजनीति पर तंज कसती आला दर्जे की मौलिक सटायर फिल्म होगी.
शिवराम यादव की यह फिल्म जल्द ही सेट पर जायेगी.
(शशिकांत सिंह)
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