मां लक्ष्मी फिल्म्स कृत भोजपुरी फिल्म ‘बी.डी.ओ. साहब’ ने बिहार में सिक्का जमा लिया है और फिल्म तीसरे सप्ताह मंे सफलतापूर्वक चल रही है. शीर्षक भूमिका में बी.डी.ओ. साहेब के रूप में दिलीप गिरि को दर्शक खूब पसंद कर रहे हैं. एक नवोदित कलाकार के लिए यह बड़ी सफलता है. प्रखण्ड स्तर की क्षेत्रीय अफसरशाही और भ्रष्ट राजनीति की घालमेल में पिसती जनता की पीड़ा को बड़ी बारीकी से दिखाया गया है. कैसे इस रोग से मुक्ति मिले इसका भी सांकेतिक रूप में निदान दर्शाया गया है. प्रखण्ड विकास पदाधिरी (बी.डी.ओ.) का कार्यालय ही वह स्थल है, जहां क्षेत्रीय विकास की कुंजी रहती है. लेकिन, उसका कब और कैसे प्रयोग होता है, वही महत्वपूर्ण बात होती है. दिलीप गिरि एक कर्तव्यनिष्ठ बी.डी.ओ. के रूप में दर्शकांे को खूब पसंद आ रहे हैं. फिल्म में इनके साथ प्रतिभा पांडेय और नवोदित अभिनेत्री डिम्पल त्रिपाठी हैं. इनके साथ अरुण सिंह, राहुल श्रीवास्तव, दिवाकर पाठक, अशोक अखौरी और वरिष्ठ कलाकार कुणाल सिंह भी है. कुणाल जी पहली बार नकारत्मक भूमिका में दिखे और इस रूप मंे भी छा गये. फिल्म के निर्देशक रतन राहा, लेखक नारायण दुबे और निर्माता शंभु गुप्ता हैं. गीत राजेश पांडेय व मनोज मजनू के, संगीत नागेन्द्र निरपांशु का, नृत्य जे.डी. का और छायांकन नन्दू चौधरी का है. फिल्म के को-प्रोड्यूसर मुकेश सिंह और अभिषेक त्रिपाठी हैं.
(समरजीत)
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