भोजपुरी संगम, गोरखपुर के 160 वीं ‘बइठकी’

by | Jun 18, 2023 | 0 comments


हालही में गोरखपुर ‘भोजपुरी संगम’ के 160 वीं ‘बइठकी’ स्व.सत्तन जी के आवास पर, खरैया पोखरा, बशारतपुर, गोरखपुर में वागेश्वरी मिश्र ‘वागीश’ के अध्यक्षता अउर चन्देश्वर ‘परवाना’ के संचालन में दू सत्र में पूरा भइल.  

कार्यक्रम के पहिलका सत्र में ‘सेसर कलमकार’ स्व.गणेश तिवारी पर प्रतिष्ठित विद्वानन के आलेख पढ़ल गइल आ ओह पर अउरिओ लोग आपन आपन विचार बतावल.

श्री वीरेन्द्र मिश्र ‘दीपक’ के लिखल आलेख धर्मेन्द्र त्रिपाठी पढ़ के सुनावत एह सत्र के शुरुआत कइलन. एह आलेख में स्व. गणेश तिवारी जी के अनेके प्रभावकारी गीतन के रचयिता का साथे-साथ मंच लूट लेबे वाला कवि बतावल गइल. आलेख में लोक गायकी, साहित्य सम्पादन, अउर पत्रकारितो में उनुका नीकहा मुकाम हासिल करे के बात कहल गइल, 

दोसर लेख कुमार अभिनीत पढ़लन जवना में तिवारी जी का साथे अनेके मंच साझा करे वाला बेचू बीए लिखले बाड़न कि 80 का दशक में स्व.गणेश तिवारी के पूर्वांचल के मंचन ला महत्वपूर्ण आ जरूरी कवि बतावल गइल बा. पत्रकारिता में दैनिक जागरण, आज, अउऱ कुछ दोसरो अखबारन से जुड़ल उनुका महत्वपूर्ण भूमिका के चरचा बा. 

एकरा अलावे कुछ अउरिओ वक्ता तिवारी जी से जुड़ल अपना संस्मरणन के साझा कइलें.

बइठकी के दोसरका सत्र ‘कवितई’ के रहुवे जवना में रचनाकार अपना प्रतिनिधि रचनन के पाठ करत रचनात्मक वातावरण बना दिहलें.  

राम समुझ सांवरा के वाणी वंदना से कवितई सत्र के शुरुआत भइल –
      होइ के हंस पे सवार, टेरे लू वीणा के तार, करीं विनती तुहार, सुरसती महारानी….

निर्मल कुमार गुप्त’ निर्मल’ अपना रचना – ‘अन्न अउर ज्ञानेंद्रिय में अंत: संबंध’ से एह क्रम के आगा बढ़वलन. 
      
राम सुधार सिंह ‘सैंथवार’ पर्यावरण पर केंद्रित सामयिक गीत के सुंदर परोसा कइलन – 
    बाटे पताले ले पांव, पुनुई से बरसत बा छाँव…

कुमार अभिनीत के रचना बेटियन के समर्पित रहुवे –
     बेटी अस धन मिले सगरी घरन में, खिलि उठे गाँव जवार…

चन्देश्वर ‘परवाना’ अपना पूरबी से सभकर मन मोह लिहलन –
    बबुआ सिरहाने जाके रोवऽताड़ी रोवना,
    दुलहिन कइले बाड़ी दुनो बेरा गारी के उठौना..

ओम प्रकाश पाण्डेय ‘आचार्य’ के कविता में कर्ण के बखान करत महाभारत से जुड़ल छंद रहल  –
  करण के लगवां दुरयोधन, जाइ के ना कहलें खबिलाई, 
  से मितऊ तूं अजेय हवऽ, रन में तुहंसे केहु जीत न पाई।

अउरिओ रचनाकार आपन रचना सुनवलें, अध्यक्षता करत वागीश्वरी मिश्र ‘वागीश’ अपना अध्यक्षीय वक्तव्य का साथही सुन्दर कविता पाठ से ‘बइठकी’ के समृद्ध कइलन. सुधी जनन में भरत शर्मा, रवीन्द्र मोहन त्रिपाठी, डॉ.विनीत, कार्तिक मिश्र, कुशाग्र आदि लोगन के मौजूदगी महत्वपूर्ण रहुवे. 

कार्यक्रम का अंत में भोजपुरी संगम परिवार के अभिन्न सदस्य अउर सक्रिय भोजपुरी कलमकार इम्तियाज ‘लक्ष्मीपुरी’ के  देहावसान पर उनुका आत्मा के शान्ति हेतु मौन धारण कर श्रद्धांजलि दीहल गइल. 

संयोजक कुमार अभिनीत जुलाई में होखेवाला बइठकी के रूपरेखा बतवलन आ सभका ला आभार जतवलन. 

(संयोजक कुमार अभिनीत के भेजल रपट)

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अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 11 गो भामाशाहन से कुल मिला के छह हजार सात सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


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सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


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