इस साल मार्च का महीना भोजपुरी सिनेमा जगत के लिए काली छाया बन कर आया है. भोजपुरी सिनेमा जगत को एक पर एक झटके दे रहा है मार्च.
भोजपुरी सिनेमा जगत के चर्चित नायक व गायक पवन सिंह की विवाहिता नीलम सिंह ने खुदकुशी कर ली तो वहीं ‘चलीं माई के दरबार’ व ‘करूआ तेल’ गाना गाकर अपनी गायिकी को नया आयाम देने वाले गायक विकास राय ने सपरिवार सलफास की गोली खाकर आत्महत्या कर लिया.
बताया जा रहा है कि विकास का परिवार कुछ दिनों से आर्थिक तंगी में चल रहा था. अपने बेटे का गायिकी के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए विकास के पिता ने अपनी पैतृक संपत्ति तक बेच दी थी. गुरूवार की रात विकास, उसके भाई विशाल, गोलू, बहन ब्यूटी, मां सुनीता देवी और पिता संतोष ने साफ्ट डिंªक और मिठाई में सल्फास की गोली मिला कर खा ली थी. रोहतास के एसपी शिवदीप लांडे ने बताया कि घर में मिठाई के चार डब्बे मिले थे, जिसमें से सल्फास की गंध आ रही थी. उन्होंने बताया कि आशंका जताई जा रही है कि परिवार के सदस्यों ने कर्ज के दबाव में आत्महत्या की है. काली छाया का कहर यहीं नहीं थमा शुक्रवार को फिल्मी डोज के संचालक संकेत जे॰ सिंह भी इस छाया से नहीं बच पाये, अहले दोपहर एक गाड़ी ने उन्हें ठोकर मार दी. हालांकि उनकी स्थिति में सुधार है, हल्की चोटे आयी हैं.
कुल मिला कर यह कहा जा सकता है कि मार्च का यह महिना भोजपुरी सिनेमा जगत के लिए कहर बन कर आया है. इस स्थिति में सबको सतर्कता से काम करना होगा. ताकि आगे कुछ ऐसी अनहोनी ना हो. अभी का जो दौर भोजपुरी सिनेमा जगत में चल रहा है उसे देख कर यही लग रहा है कि भोजपुरी सिनेमा जगत पर काली छाया का कहर जारी है.
(संकेत सिंह)
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