ढुका लाग के तिकवले रहीं

by | Oct 7, 2023


Keep aiming while remaining hidden. साँच कहीं त एकर जरुरत ना होखे के चाहीं कि भोजपुरी में लिखल कवनो लाइन के अंगरेजिओ में बतावे के पड़े. बाकिर हमनी के नयका पीढ़ी भोजपुरी से गँवे-गँवे अतना दूर होत गइल बा कि ठेंठ भोजपुरी ओकरा पल्ले ना पड़े. हमरे जान-पहिचान के निकहा लिखल-पढ़ल लोगो जब-तब हमरा के टोकत रहेला कि अतना ठेंठ भोजपुरी लिख दिहिलें कि कई बेर बुझइबे ना करे आ दिक्कत ऊपर से ई कि इकर माने देखेला हमनी का लगे कवनो शब्दकोशो ना रहे. एही बाति के नजर में राखत एक त कोशिश करीलें कि भरसक सहजे शब्द लिखल करीं आ अगर जरुरिए हो जाव कि कवनो ठेंठ – शुद्ध – शब्द लिखहीं के पड़े त ओकर माने बतावत शब्दो लिख दीहल करीं. एकरा के दोहराव का नजरिए से ना देखि के अइसे देखीं कि एही बहाने कुछ ठेंठो भोजपुरी प्रचलन में बनल रही.

एने कुछ दिन से हम कवनो ना कवनो लेख में शेयर बाजार के चरचा करत रहीलें. अब रउरा कह सकीलें कि बड़-बड़ जने दहाइल जासु, गदहा थाहे कतना पानी ! जानत बानी आ मानत बानी कि शेयर बाजार के चरचा बड़का-बड़का चतुर-सुजान (well-versed) लोग चैनलन पर – टीवी चैनल होखे भा यू ट्यूब – परोसत रहेलें. कई बेर ओह लोग के सुझाव सही साबित होले आ कई बेर गलतो. एकर मतलब ई ना कि ओह लोग के जानकारी भा विद्वता में कवनो कमी बा, भा ऊ लोग रउरा के नुकसान चहुँपा के आपन गोटी सोझ करावत रहेलें. कई बेर एकरा के एह तरह से देखीं कि रसोईया आपन बनावल-पकावल चीख के देख लेला आ नीमन लागल तबे रउरा के परोसेला. बाकिर बनावे आ परोसे का बीच अगर समय लाग गइल त हो सकेला ओकर सवाद रउरा नीक ना लागो.

एगो समोसा के दोकान पर गाहक शिकायत कइलसि कि समोसा महक गइल बा. काल्हु वाला त बहुते सवदगर रहुवे. दोकानदार जबाब दिहलसि मालिक काल्हुवे वाल नू हऽ, अब आजु रउरा नीक नइखे लागत त का कहीं !

त अकसरहां ऊ चतुर-सुजान लोग शोध करत रहेला, देखत रहेला कि कवन शेयर कवना दिसाईं बढ़ रहल बा. जब कन्फर्म हो जाला कि ओह लोग के अनुमान सही बा तब ऊ लोग एह जानकारी के परोस देला. अब उनुका का मालूम कि एही बीच कुछ अउर लोग के लागल कि अब मुनाफा काटे के समय हो गइल बा आ ऊ लोग कटनी में लाग जाला. आ तब चढ़ती के शेयर गिरती के शेयर बन गइल रहेला आ रउरा लाग सकेला कि ससुरा फँसा दिहलसि !

बाकिर तनी इहो सोचीं कि अगर आएदिन ओह चतुर-सुजान के सलाह गलत साबित होखे लागी त ऊ कतना दिन ले चैनल पर बनल रह पइहें ?

बीच बतकही एगो अउरी क्षेपक –
रउरा देखत-पढ़त होखब कि कबो हम जान के जानि, सोच के सोचि, आज के आजु, बात के बाति, बोल के बोलि वगैरह लिखत रहीलें. त बतावल जरूरी बा कि ई टाइपिंग के गलती ना होखे. साँच – साँचि – कहीं त इहे सही होखे के चाहीं. भोजपुरी में अर्ध-ह्रस्व आ दीर्घ-दीर्घो होखल करेला जवन हिन्दी में नइखे. आ हमनी के सगरी शिक्षा-दीक्षा हिन्दी में भइला का चलते एह हलुका अन्तर के ना समझि पाईं सँ.

अब फेरु मूल-चरचा पर लवटल जाव. अगर चतुर-सुजान आएदिन गलत पड़े लगीहें त ऊ कतना दिन ले बाजार में रहि पइहें ? लवटति के टिकट बिना कटवलहीं लवटि जाए के पड़ी. असल में चतुर-सुजान सलाहकारो लोग चार्ट पर लगावल संकेतकन – indicators – का तरह होलें. अधिका बेर सही बाकिर बीच-बीच में गलतो होखहीं के बा उनुका. बाकिर संकेतक आ चतुर-सुजान के सफलता एही में बा कि उनुका अधिका बेर सही साबित होखहीं के पड़ी.

रउरो लागत होखी कि आजु के बतकही तनिका लमहर हो गइल. हमरो इहे लागत बा. एहसे ढुका मत लगीं आ तिकवले रहीं कि अगिला बेर कब आएब. भोजपुरी के कथा-कहानी, खेत-खरिहान, बरखा-बूनी से ऊपर ला जाए के बा त भोजपुरी में कुछ सामयिको चरचा होखत रहें के चाहीं. सामयिक चरचा में एक त राजनीति आई आ दोसरका शेयर चरचा. राजनीति कुछ देके ना बलुक लेइए के जाई बाकिर शेयर चरचा हो सकेला कि रउरा के कुछ देके जाव.

आ पंडित जी पूजा-पाठ करावे आवत रहसु एकरा ला इहो जरुरी बा कि कुछ-कुछ दक्षिणो देहत रहीं. ना त कहिया ले आवत रहिहें ? कुछ दक्षिणा हमरो बनेला ! देबे के मन करो त दान-पात्र में डलले जाईं !

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अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 11 गो भामाशाहन से कुल मिला के छह हजार सात सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
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सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


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