Month: सितम्बर 2015

आआपिया के पापी कानून मंत्री

– डा0 अशोक द्विवेदी कहल गइल बा कि मूरख उलटेला तबो मुरुखे रहेला बाकि साक्षर उलटि के राक्षस हो जाला, “साक्षरा विपरीताश्चेत राक्षसा एव केवलम्..” ! एही तरे कानून क…

भोजपुरी भाषी के मातृभाषाई के अस्मिताबोध – 2

– डॅा० जयकान्त सिंह ‘जय’ भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची में मौजूद बाइसो भारतीय भा गैर भारतीय भाषा सब में हिन्दी, उर्दू आ संस्कृत पर आगे चर्चा होई. बाकी अनइसो…

बिहार विधानसभा चुनाव का बहाने गपशप

– डॅा० जयकान्त सिंह ‘जय’ बिहार में विधानसभा के चुनावी बिगुल फूँका गइल बा. भीड़भाड़ का चलते मतदान केंद्र पर अपना मताधिकार के प्रयोग से भरसक बाँचे के प्रयास करे…

भोजपुरी कहानी पाठ आ विमर्श

पिछला 19 आ 20 सितंबर का दिने भोपाल नें मध्यप्रदेश भोजपुरी साहित्य अकादमी का तरफ से एगो साहित्यिक गोष्ठी के आयोजन भइल. पहिला दिन पहिल सत्र में भोजपुरी कहानी पाठ…

भोजपुरी भाषी के मातृभाषाई अस्मिताबोध – 1

– डॅा० जयकान्त सिंह ‘जय’ ‘अस्मिताबोध’ ओह सग्यानी-स्वाभिमान का होला, जेकरा दिल-दिमाग आ मन-मिजाज में अपना आ अपना पुरखन का उपलब्धियन के लेके मान-गुमान के भाव होखे. एकरा खातिर देश-काल-परिस्थिति…

‘हिन्दी डे’ माने ‘हिन्दी-दिवस’ पर ‘भाषा-विचार’

-डाॅ. अशोक द्विवेदी आज दुनिया के बहुते भाषा मर-बिला रहल बाड़ी सऽ. एकर मतलब ई ना भइल कि जवन भाषा कवनो क्षेत्र-विशेष आ उहाँ के जन-जीवन में जियतो बाड़ी सऽ…

पत्रकारिता के चोला भा बुरका

बिहार विधानसभा के चुनाव अबहीं टटका मुद्दा बा बाकिर घूमा फिरा के ई मुद्दा हमेशा बनल रहेला कि पत्रकार के राय कवना गोल के बा. कहे खातिर त सगरी पत्रकार…

मातृभाषा के महत्व

– डॅा० जयकान्त सिंह ‘जय’ कवनो व्यक्ति,समाज,देश भा राष्ट्र के बनावे-जनावे के जबरदस्त जरिआ होले ओकर आपन भाषा. ओकर आपन मातृभाषा आ राज/राष्ट्रभाषा. दुनिया के आन देश ओकरा संस्कृति, शिक्षा,…

जयकान्त सिंह के तीन गो कविता – नया आ पुरान

– डॅा० जयकान्त सिंह ‘जय’ जेठ भाई के निहोरा करऽ जन अनेत नेत, बबुआ सुधारऽ सुनऽ, तूँही ना ई कहऽ काहे होला रोजे रगड़ा । आपन कमालऽ खालऽ, एनहूँ बा…