भोजपुरी के अमर नाटककार भिखारी ठाकुर

by | Dec 18, 2023 | 0 comments

– परमानंद पाण्डेय

बिहार के एगो बड़हन क्षेत्र अउर पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रचलित भोजपुरी भासा ह चाहे बोली, एह विवाद के हम भासा शास्त्री लोगन के खातिर छोड़ देत बाडी. पर ई सही ह की एहके विश्व रंगमंच पर स्थापित कइले में भिखारी ठाकुर जी क योगदान सर्वाधिक ह. जइसे गोस्वामी तुलसीदास अउर कबीरदास जी पांडित्यपूर्ण भासा के बदले लोकभासा के अपना के जन-जन के मन में आपन स्थान बनवले, ओही प्रकार उत्तर भारत में भिखारी ठाकुर क मान्यता ह.

भिखारी ठाकुर क जनम 18 दिसम्बर, 1887 का दिने गांव कुतुबपुर (जिला छपरा, बिहार) में भइल रहे. इनकर पिता श्री दलसिंगार ठाकुर अउर माता श्रीमती शिवकली देवी रहली. ओह समय देश में अंग्रेजन क दमनचक्र पूरा जोर पर रहल. बिहार क दशा त अउरो खराब रहल, काहें कि उहवाँ विदेशी दासता के साथही जमीदार अउर भूस्वामियनो के अत्याचार गरीब जनता के सहे क पड़त रहल. महिला अशिक्षा के साथे-साथे बाल विवाह जइसन कुरीतियना से ग्रस्त रहल तब के बिहार.

स्वयं भिखारिओ ठाकुर विधिवत कवनो शिक्षा नाहीं पवले रहलें, पर जन-जन में प्रचलित लोकभासा में आपन कविता अउर नाटक रच के एगो नया शैली क प्रतिपादन कइले, जवन ‘बिदेसिया’ के नाम से प्रसिद्ध भइल. अपने नाटकन में ऊ अभिनेता, निर्देशक अउर सूत्रधारो क भूमिका अनहीं सम्हारत रहलें. नौ बरीस के उमिर में भिखारी ठाकुर अपना भाई का साथे अक्षर ज्ञान पवले रहलें. उहो बस एतने रहल कि ऊ रामचरित मानस पढ़े लगले. ऊ कैथी लिपि में लिखत रहलें, जेके पढ़ल बहुते कठिन रहत रहल. अब कैथी लिपि लुप्तप्राय हो गइल बा. (कैथी लिपि आ आजु के गुजराती लिपि में बहुते समानता मिलेला. बाकिर ई विषय बाद में कबो – संपादक)

किशोरेवस्था में उनुकर बिआह मनतुरना का साथे हो गइल रहे. भिखारी ठाकुर के बचपने से नाटक देखले के बहुते शौक रहल. माता-पिता क इच्छा का विपरीत ऊ चोरी छिपे नाटक देखत रहलें अउर कबो-कबो ओमें अभिनयो क लेत रहलें. एक बेर ऊ घर से भागके खड्गपुर जा पहुँचलें. उहवाँ ऊ मेदिनीपुर क रामलीला अउर जगन्नाथपुरी क रथयात्रा देखले. एही से उनके भीतर क कलाकार पूरा से जाग गइल अउर ऊ धार्मिक भावना से ओतपोत होके अपने गाँव लवट अइलें.

तीस बरीस का उमिर में भिखारी ठाकुर ‘बिदेसिया’ क रचना कइले अउर आपन नृत्य मंडली बना लिहलें. घर वालन क विरोध त रहबे कइल, पर जब ई नाटक अउर नृत्य जनता के बीच गइल, त सभका जीभे भिखारी ठाकुर क नाम चढ़ गइल. 1939 से 1962 का बीच भिखारी ठाकुर क लगभग तीन दर्जन पुस्तक प्रकाशित भइल, जेके फुटपाथ पर लगे वाली दुकानन से कीन के लोग बहुते चाव से पढ़ल करे. ओुमें से त अधिकांश पुस्तक दूधनाथ प्रेस, सलकिया (हावड़ा) अउर कचौड़ी गली, वाराणसी से प्रकाशित भइल रहे.

एह किताबन में बिदेसिया, कलियुग प्रेम, गंगा स्नान, बेटी वियोग, भाई विरोध, पुत्रवधू, विधवा विलाप, राधेश्याम बहार, ननद भउजाई, गबरघिंचोर आदि प्रमुख रहल. भिखारी ठाकुर ‘सादा जीवन उच्च विचार’ क प्रतिमूर्ति रहलें. खइले क खातिर ऊ रोटी, भात, सतुआ जवने मिले, ओही से काम चला लेत रहलें. धोती, कुर्ता, मिरजई, सिर पर साफा अउर पैर में साधारण जूता उनकर वेष रहत रहल.

बिहार शासन अउर अनेक संस्था से उनके सैकड़ों पुरस्कार अउर सम्मान मिलल; पर ऊ हमेशा घर का आगे चटाई बिछा के आम लोगन से मिलत-जुलत रहलें. अहंकार शून्यता त एतना रहल कि छोट-बड़ सभसे ऊ अपनहीं राम-राम कर लेत रहलें.

अपना नाटकन में रूढ़िवादिता अउर कुरीतियन क विरोध करे वाला एह लोक कवि अउर नाटककार भिखारी ठाकुर क निधन 10 जुलाई, 1971के हो गइल.

आजु 18 दिसम्बर का दिने भिखारी ठाकुर के जनमदिन के सुअवसर पर पूरा भोजपुरी समाज उनुकर श्रद्धास्मरण करत बा.



भोजपुरी के एगो पंजीकृत संस्था “अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास (पंजीकृत)” के अध्यक्ष परमानंद पाण्डेय साहित्य रचना में पनपा “गोरखपुरी” नाम के इस्तेमाल कइल करेनी.

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अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 11 गो भामाशाहन से कुल मिला के छह हजार सात सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


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