भउजी हो !
का बबुआ ? आजु के सवाल का बा ? चार राज्य के चुनाव त हो गइल बाकिर तेलंगाना अबहीं बाकी बा. से चुनाव से जुड़ल सवाल त नाहियो होखी.
ठीके कहऽतारू भउजी, ओह बारे में सवाल 3 दिसंबर का बादे उठावे के जरुरत पड़ी. आजु त जानल चाहत बानी कि चिहुँकला आ चउँकला में फरक का होला ?
दुनु में अप्रत्याशित हलचल होला. चिहुँकला में देह हिल उठेला, आ चउँकला में दिमाग. जइसे कि मान लीं कि रउरा बइठल बानी आ पीछे से केहू आ के चिउँटी काट लेव भा तेज आवाज निकाल देव त राउर देह चिहुँक जाई. बाकिर अगर कवनो अइसन बाति हो जाव, सुना जाव, पूछ लीहल जाव जवना के रउरा उमेद ना करत रहीं, त राउर दिमाग चउँक जाई. तनी अउर गहनता से देखल जाव त चिहुँकला में देह आ दिमाग दूनू में हलचल आ जाला जबकि चउँके में देह स्थिर रहि जाला. आ ओही हाल के कहल जाला भकुआइल भा ठकुआइल. राउर नींद बढ़िया से खुलल ना होखे आ अचके में रउरा से कहू कुछ पूछ देव त भा कवनो घटना हो जाव त कुछ देरि ला रउरा समुझे में ना आई आ रउरा भकुआइल लागब. बाकिर जाग्रत अवस्था में कवनो अइसन घटना हो जाव भा कुछ बात पूछ लिहल जाव तवना के रउरा तनिको अनेसा भा उमेद ना रहुवे त कुछ देर ला रउआ के ठकुआ मार दी आ रउरा ठकुआ जाएब.
वाह, वाह भउजी. तोहरा से अइसने जबाब के उमेद रहुवे जवना चलते ना त हम भकुअइनी, आ ठकुअइनी, ना चिहुँकनी, ना चउँकनी.
वाह रे हमार लहुरा देवर जी. राउरो जबाब ओतने शानदार बा. चलीं अब हमार बनावल चाय पिहीं आ बोलीं कि – शानदार !
आ तुहूं इयाद रखीहऽ कि 3 दिसंबर के दिने भोजपुरी माटी के लाल आ देश के पहिलका राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के जयन्तिओ रही.
ए बबुआ, अपना नइहर जिला के हम भुला कइसे सकीलें !
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