समान नागरिक कानून लागू करे वाला पहिलका राज्य बन गइल बा उत्तराखंड. हालांकि गोवा मेें आजादी का पहिलहीं सेे समान नागरिक कानून लागू बावेे आ बिना कवनो परेेशानी भा विवाद.
पिछला विधानसभा चुनाव में पुष्कर सिह धामी जनता सेे वादा कइले रहलन कि अगर उनुकर सरकार बनल त राज्य मेेंं समान नागरिक कानून लगावेे का दिसाईं काम करिहेें. चुनाव का बाद जब सरकार बनल त पहिलका कामेे रहल समान नागरिक कानून बनावेे केे आदेेश देबे केे.
समान नागरिक कानून बनावेे ला सेवानिवृत न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई के अध्यक्षता में एगो पैैनल बनावल गइल जवन एह बारे मेें सवा दू लाख से अधिका लोग सेे राय लिहलसि आ करीब 72 गो बईठका का बाद ई कानून के प्रारुप तैैयार हो गइल.
उत्तराखंड समान नागरिक कानून मेें सात गो अनुसूची आ 392 गो खंड बा जवना में एक एक बात केे विस्तार सेे सलटावल गइल बा. समान नागरिक कानून केे मतलब होला कि हर नागरिक ला एकही जइसन कानून होखी. ई ना कि फलनवां ला अलगा कानून आ चिलनवा ला अलगा. बिना कवनो जाति, मजहब, भाषा, संप्रदाय का आधार पर समाज केे हर नागरिक ला एकही कानून रही जवन शादी-बियाह, तलाक, संंतान गोद लेेबेे, संपति केे अधिकार वगैैरह सभका ला एके जइसन होखी.
भारत केे राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मू एक अधिनियम पर हस्ताक्षर कर केे आपन मंजूरी दे दिहलेे बाड़ी. अब उत्तराखंड सरकार एह विधेयक के लागू करे के अधिसूचना जारी करी.
उमेद बा कि एह काम मेें पाँच बरीस ना लगावल जइसन कि नागरिकता (सशोधन) अधिनियम के लागू करावेे मेें केेन्द्र सरकार लगा दिहलसि.