एह भस्मासुर खातिर मोहिनी बनिहें का महामोहिनी

पुरनका जमाना से भस्मासुर के कहानी सुनत आइल जानी बा. भस्मासुर का बारे में कहल जाला कि ऊ भगवान शिव के भक्ति एह हद ले कइले रहल कि भस्म का तरह उनुका से लपटाइल रहत रहुवे. भगवान शिव ओकरा भक्ति से प्रसन्न हो के ओकरा के एगो वरदान मांगे के कह दिहलें. भस्मासुर त एही मौका का ताक में रहुवे. भगवान शिव से वरदान माँग लिहलसि कि ओकरा के अइसन शक्ति मिल जाव जवना से ऊ जेकरा मूड़ी पर हाथ रख देव ऊ जर के भस्म हो जाव. भगवान शिव त ठहरलन भक्तन के भक्त. बिना कुछ सोचले ओकरा के वरदान दे दिहलन.

वरदान मिलते भस्मासुर अपना असली रूप में आ गइल. वइसहीं जइसे ईमानदार अन्ना से ईमानदारी के सर्टिफिकेट मिलते अरविन्द केजरीवाल पगला गइलन आ पूरा कट्टरता का साथ बेईमानी करे वाला ईमानदार बन गइलन.

भस्मासुर भगवान शिव के वरदान मिलते अपना दुश्मनन के निपटावे लागल. हालात अतना खराब हो गइल कि लोग ओकरा सोझा आवे से कतराए लागल. आ भस्मासुर के आसुरी ताकत बढ़ते गइल. हार थाक के लोग भगवान शिव का लगे गइल कि उहे एकर कवनो काट बतावसु. भगवान शिव कहलन कि केहू अइसन उपाय करा देव जवना से भस्मासुर अपने मूड़ी पर हाथ राख देव त ऊ खुदही राख हो जाई आ हमरा वरदान के ताकतो साबित हो जाई.

बाकिर एकरो ला बुद्धि आ साहस दुनू के जरुरत रहल से सगरी लोग-देवी-देवता कन्नी काट गइल. तब भगवान विष्णु के आगे आवे के पड़ल. ऊ मोहिनी बन के भस्मासुर का सोझा गइलन आ ओकरा के मोह लिहलन. मोहिनी कहलसि कि ओकरे हो सकेले जे ओकरा के नृत्य के हर मुद्रा में हरा देव. भस्मासुर नृत्यकलो में पारंगत रहुवे से ऊ तुरते मान गइल आ शुरु हो गइल भस्मासुर आ मोहिनी के नृत्य प्रतियोगिता. नृत्य के कवनो विधा में भस्मासुर उनइस ना साबित भइल. एही समय मोहिनी अपना मूड़ी पर हाथ राख के नाचे लगली. प्रतियोगिता का जोश में भस्मासुर होश खो चुकल रहुवे आ उहो शुरू क दिहलसि अपना मूड़ी पर हाथ राखे के मुद्रा. बाकिर भगवान शिव के वरदान त बाँवे जाए वाला ना रहल से भस्मासुर अपने हाथे भस्म हो गइल.

ठीक वइसहीं जइसे कि अरविन्द केजरीवाल के भरम हो गइल कि ऊ जनता का नजर में अतना कट्टर ईमानदार बन चुकल बाड़न कि ऊ जवन चाहे, जतना चाहे बेईमानी कर सकेलें. आ एही भरम में ईडी आ उनुका बीच बहुत लमहर प्रतोयोगिता शुरु हो गइल. नवाँ दौर आवत-आवत केजरीवाल अपना अपराजेय होखे का गलतफहमी पर विश्वास कर लिहलन आ ओकरा बादे जवन भइल तवन सभका सोझा बा. अगर ऊ राजनीतिक लड़ाई तक अपना के बन्हले रहतन त शायद कुछ अउर नीचे ले गिरे के गुंजाइश बन सकत रहुवे. बाकिर ऊ कानूनी लड़ाई का राहे निकल गइलन जवन उनुका के भस्म कर देबे के स्थिति बना दिहले बा.

बाकिर अतना बतवला का बाद रउरा सोचत होखब कि फोटो त पवन सिंह के लगवले बानी बाकिर कथा केजरीवाल के काहे सुनावत बानी ! ठीक सवाल बा. आजु का कथा में केजरीवाल प्रसंग त क्षेपक का तरह आ गइल. असल कहानी त भोजपुरी के गवनईया, भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार कहावे वाला पवन सिंह के बा. भाजपा उनुकर भक्ति के नौटंकी देखि के प्रसन्न हो गइल आ उनुका के आसनसोल से लोकसभा के टिकट दे दिहलसि. बिना कुछ सोचले-विचरले, जँचले-परखले. बाकिर पवन सिंह के लोकसभा के टिकट मिलते उनुका के टिकठी पर चढ़ावेवाला सक्रिय हो गइले आ निकाल ले अइलन उनुकर बंगाली माल वाला गाना. भाजपा त आपन वरदान वापस ना लिहलसि बाकिर पवन सिंह अपनहीं ओह वरदान के वापस कर दिहलन.

टिकटवा त वापस कर दिहलन बाकिर तिकवल त ऊ करते रह गइलन. उनुका लागल कि जब भाजपा उनुका के टिकट दे सकेले त जाहिर बा कि ऊ बहुते प्रभावशाली हो गइल बाड़न आ जेकरा सोझा खाड़ हो जइहन ऊ चुनाव हार जाई. आ बिहार के काराकाट लोकसभा चुनाव निर्दलिये लड़े के एलान कर दिहलन. कहलन कि माई के भक्ति उनुका ला मातृभूमि के भक्तिओ से बड़ हवे. ऊ अपना माई से वादा कर चुकल बाड़न कि चुनाव लड़ के एमपी बन जइहें. आ ओह वादा के हर हाल में पूरा करे के कोशिश करिहें.

काराकाट से एनडीए गठबन्हन का तरफ से उपेन्द्र कुशवाहा खड़ा बाड़न आ उनुका सोझा ईंडी गठबन्हन का ओर से राजाराम कुशवाहा मैदान में बाड़न. पवन सिंह के समुझा दीहल गइल बा कि दू गो कुशवाहा के लड़ाई में राजपूत के बाजी मारे के मौका मिल सकेला. आ बस अतना सुनते सीढ़ी से उतरे का बजाय बाबू साहब सीधे छते से छलांग लगा दिहले बाड़न.

हो सकेला कि उनुको ला मोहिनी के रूप ध के महामोहिनी आ जासु आ कुछ गारंटी के बात कहि के एह भस्मासुर के मैदान से हटा देसु.

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