Month: जून 2017

भोजपुरी समाज, दिल्ली के सम्मान समारोह

“पूर्वांचल के माटी उर्वर हटे.एहिजा के लोग दिल्ली का, कतहीं अपना मेहनत से मिट्टी के सोना बना देलन.” ई बात रविवार, दिनांक 25 जून के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में भोजपुरी…

चतुर बनिया आ सड़क छाप गुन्डा – बतंगड़ 42

– ओ. पी. सिंह तेज मीडिया का जमाना में रोजे एगो ना एगो मुद्दा पनपना के उठेला. कई बेर ओह मुद्दा के बढ़िया से भँजावे का पहिलहीं एगो दोसर मुद्दा…

नीक-जबून-9

डायरी – डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल बुदबुदाई अब समय मौसम के सुगबुगाहट के पता साफ-साफ चल जाता. काल्हु तक के टेढ़ आ लरुआइल पतइयो आजु हवा का सङे घुमरी-परउआ खेले…

भोजपुरी रचनात्मक आन्दोलन के माने-मतलब

– डा0 प्रकाश उदय केहू दिवंगत हो जाला त आमतौर पर कहल जाला कि भगवान उनुका आत्मा के शांति देसु। हमार एगो कवि-मित्र कहेले कि बाकी लोग के त पता…

रचनात्मक आन्दोलन पर बतकही

– डॉ अशोक द्विवेदी सोशल मीडिया का एह जमाना में वाट्स ऐप,फेसबुक पर, नोकरी-पेशा आ स्वरोजगार में लागल, पढ़ल – लिखल लोग अभिव्यक्ति के माध्यम का रूप में मातृभाषा के…

राष्ट्रपति पद ला सबले नीमन रहतन राहुल गाँधी

– आलोक पुराणिक राहुल गांधी राष्ट्रपति बेर-बेर विदेश गइल, सक्रिय राजनीति में शामिल ना होखल, इनल गिनल लोगन से मिलल, अइसन सुपर वीआईपी इमेज देख इहे बात दिमाग में बेर…

हम सेकूलर ना बन सकीं- बतंगड़-40

– ओ. पी. सिंह एक बाति आजु हम फेरु रेघरिया दीहल चाहत बानी कि हम सेकूलर ना बन सकीं. हम कम्यूनले रहल नीमन समुझत बानी. ई बाति आजु दोहरावल तिहरावल…

भारत के राष्ट्रपति के चुनाव कइसे होला ?

अब जब भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के तारीख के एलान हो गइल बा त आईं जावल जाव कि भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में का शासियत होला. ई चुनाव…

सचहूं जमाना बदलि गइल बा : बतंगड़ – 39

– ओ. पी. सिंह जमाना बदल गइल बा. आ एकरा साथही बदल गइल बा बोले बतियावे के तरीका. कई बेर कवनो पुरान कहाउत कहे के मन करेला बाकि तुरते दिमाग…