Month: अप्रैल 2015

हटे देश बपौती तहरे

– अशोक कुमार तिवारी जीए द जनता के चाहे गरदन जाँत मुआव, हटे देश बपौती तहरे जइसे मन चलावऽ. स्वास्थ सड़क शिक्षा तीनोें के धइले बा बदहाली, तोहरा एकर कवन…

रोेजे सुख के साँझ निहारत, जागेला भिनसहरे गाँव

भोजपुरी के रूप-रंग, सुभाव, संघर्ष आ कबो हार ना माने के प्रवृति ओकर आपन खासियत ह. नियतु आ भ्रष्टाचार का पाटन में पिसा, श्रम संघर्ष आ जिजिविषा का बूते उठ…

लीनक्स आ विंडोज का बहाने भोजपुरी के चरचा (बतकुच्चन – 190)

कंप्यूटर के दुनिया में दू तरह के साफ्टवेयर होला. एगो त प्रोप्राइटरी, जवना के मलिकान कुछ खास लोग का लगे होला आ उहे लोग तय कर सकेला कि एहमें का…

जब घूर के दिन फिरेला

– जयंती पांडेय बाबा लस्टमानंद से रामचेला पूछले, ‘बाबा हो, ई घूरो के दिन कइसे फिरेला?’ बाबा कहले, ‘जे तहरा एकर उत्पत्ति आ टीपण जाने के होखो त भोजपुरिका में…

सारा जग जीत गइली मीत रे, घरवे में हार हो गइल.

– प्रिंस रितुराज दुबे ईहां कवनो एल्बम के गाना नइखे लिखल जात, ई एगो साच कथन मनोज तिवारी जी के एल्बम से लिहल गइल बा. भोजपुरी, जवन पूरा दुनिया में…

भोजपुरी खातिर एगो बड़हन आन्दोलन चलवला के जरूरत : सदानन्द शाही

विश्व भोजपुरी सम्मेलन के बलिया इकाई अउर पाती सांस्कृतिक मंच के एगो बड़हन आयोजन पिछला अतवारा का दिने बलिया के टाउन हाल बापू भवन में भइल. एह आयोजन के पहिला…

चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह के निधन

बहुत दुख के साथ बतावे पड़त बा कि भोजपुरी के मशहूर साहित्यकार चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह के निधन ब्रेन हेमरेेज का चलते पिछला बियफे का रात एगाारह बजे का लगभग…