महाकवि राधामोहन चौबे ‘अंजन’ जी के जनमदिन पर विशेष

– गणेश नाथ तिवारी आजु महाकवि राधामोहन चौबे ‘अंजन’ जी के जनमदिन ह आ ई हमार सौभाग्य रहल कि साल 2014 में अंजन जी से हमार भेंट भइल रहे. उहाँ…

सुभाष पाण्डेय ‘संगीत’ के तीन गो गीत

(एक) बेंड़ल बजर किंवाड़, यार अइले, चलि गइले ! ना सुनि परल पुकार, यार अइले, चलि गइले ! सूरज-चन्दा कऽ जोती से, तरइन का झिलमिल से, शान्त गगन कऽ मौन…

राकेश कुमार पाण्डेय के दू गो कविता

– राकेश कुमार पाण्डेय (1) माटी धूर क गंवई जिनगी, गइया भईंस चराईं। खेती-बारी भीर बहुत बा, फुरसत ना हम पाईं। भोरहटिये से सानी-पानी, चउवा नाद लगाईं। गोबर-गोंइठा दूधवा दूहत,…

आजु बरसल ह

– सुभाष पाण्डेय (एक) डेढ़ कोस दउरे के ताकत, सइ जोजन के राह, मनवाँ, बड़ा कठिन निरबाह। दुख दरियाव पीर पगडंडी सड़क कुटिलई काँट कहीं प्रीति के प्याऊ लउके उहवों…

अबहीं ले ना बिहान भइल का गजल कहीं

– शैलेन्द्र पाण्डेय शैल (एक) संउसे उमिर जियान भइल का गजल कहीं जियले बिपति के खान भइल का गजल कहीं। चाहत पियार इश्क के चक्कर बुरा चलल चोटहिल बड़ा परान…

सीख भरल कविता

– अशोक कुमार तिवारी (एक) बैर बेलि जे उपजल भाई-भाई में, जइहैं दूनो जने जरुरे खाई में । नीक-जबून कहे से पहिले सोच लिहीं, जनि बोलीं कुछऊ कबहूँ अकुताई में।…

गजल – हीरालाल ‘हीरा’

– हीरालाल ‘हीरा’ सुर साधीं तऽ लय बिगड़े, बे-ताल के बनल तराना बा। जिनिगी गावल बहुत कठिन बा, उलझल ताना-बाना बा।। केतना अब परमान जुटाईं,अपना त्याग, समरपन के, अरथहीन अब…

Scroll Up