
हमार जान ह भोजपुरी
– डॉ. हरेश्वर राय हमार सान ह हमार पहचान ह भोजपुरी, हमार मतारी ह हमार जान ह भोजपुरी। इहे ह खेत, इहे खरिहान ह इहे […]
– डॉ. हरेश्वर राय हमार सान ह हमार पहचान ह भोजपुरी, हमार मतारी ह हमार जान ह भोजपुरी। इहे ह खेत, इहे खरिहान ह इहे […]
– डॉ. कमल किशोर सिंह (1) पाला साल बीतते फेरु से पडे़ लागल जाड़ा. लागेला हमरा के मारी देलस पाला. मन घास पात अस मऊरा […]
लिटी-चोखा – डॉ. कमल किशोर सिंह आहार अनोखा लिटी चोखा का महिमा हम बखान करीं. ई ‘बर्बाकिउ बिचित्र बिहारी’ बेहतर लागे घर से बहरी, दुअरा-दालान, […]
– अशोक द्विवेदी ओढ़नी पियर, चुनरिया हरियर / फिरु सरेहि अगराइल जाये क बेरिया माघ हिलवलस, रितु बसन्त के आइल! फुरसत कहाँ कि बिगड़त रिश्ता, […]
(वसन्त पंचमी, 1ली फरवरी 2017, प मंगल कामना करत) – अशोक द्विवेदी कठुआइल उछाह लोगन के, मेहराइल कन -कन कवन गीत हम गाईं बसन्ती पियरी […]
– जयशंकर प्रसाद द्विवेदी टीभी के परिचरिचा देखs अस लागे, गोंइठा घी सोखे। आन्हर कुकुर बतासे भूंके।। मिलत जुलत सभही गरियावत पगुरी करत सभे भरमावत […]
– जयशंकर प्रसाद द्विवेदी कोइला से पटरी पचरल ले के शीशी घोटल सांझी खानि घरे मे माई ले रगड़ के मुंहो पोछल बा के इहवाँ […]
Copyright © 2021 | WordPress Theme by MH Themes