मोदी ओह गाछ के फल हउवन जवना के बीया रहलन आडवाणी
– दयानंद पांडेय (सरोकारनामा पर प्रकाशित मूललेख आडवाणी बीज हैं , नरेंद्र मोदी उस का फल के भोजपुरी अनुवाद. त्रुटि बा त अनुवादक के. मूल पाठ दीहल लिंक पर पढ़ीं.)…
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– दयानंद पांडेय (सरोकारनामा पर प्रकाशित मूललेख आडवाणी बीज हैं , नरेंद्र मोदी उस का फल के भोजपुरी अनुवाद. त्रुटि बा त अनुवादक के. मूल पाठ दीहल लिंक पर पढ़ीं.)…
– बिनोद सिंह गहरवार लोकसभा चुनाव के बीस-बिसा क्रिकेट कप के बिगुल बाजे वाला बा. ई टूर्नामेंट सांचो के ‘अवश्य देखहुँ देखन जोगु’ वाला होई. सांझ-सबेर-दुपहरिया जब टीवी खोलीं तबे…
– परमानंद पाण्डेय स्वामी विवेकानन्द जी कहले रहलीं की अगर हमके गौरव से जीयलें क भाव जगवावे क बा, त हमके अपने अन्तर्मन में राष्ट्र भक्ति क बीज के पल्लवित…
– बिनोद सिंह गहरवार हार पछता के काल्ह दिल्ली से पटना आ गइनी. आपन हारल आ दीदी के मारल केकरा से कहीं. आजु दू बरिस से एँड़ी चोटी एक क…
– राम पुकार सिंह ‘पुकार‘ गाजीपुरी प्रकृति कऽ अलगे–अलगे रूप में अनुभूति भइल, ओकरा के मिठास भरल भासा में बखान कइल, अइसन पेंच वाला काम हऽ कि एकरा के उहे…
– गणेश नाथ तिवारी ‘विनायक’ घर से बहरी निकलते भोजपुरिया लोग भोजपुरी के ताखा पर रख देला. भोजपुरी पढ़े, लिखे आ बोले में बहुते लजाला लोग, अपने से अपना के…
एह लेख के मथैला पढ़ि के हो सकेला कि कुछ कुकुर नाराज हो जासु. कुछ भनक के भनभनाए लागसु भा कुछ भड़कि के भिड़े ला आ जासु. एहसे सवाल का…
– भगवती प्रसाद द्विवेदी भोजपुरिया समाज शुरुए से कबो ना थाके वाली मेहनत, जीवटता, संघर्षशीलता आ अपना दम-खम आउर बल-बेंवत का बदउलत मन माफिक मुकाम हासिल करे खातिर जानल जाला।…
– सौरभ पाण्डेय कवनो सरकार आपन लउकत अछमता के बावजूद ओइसन असहाय ना होखे, जइसन कई बेर अटलजी के अगुआई में बनल केन्द्र सरकार में भइल करे। अटलजी के सरकार…
भोजपुरी लोक-रंग के प्रतीकःभिखारी – डॉ0 अशोक द्विवेदी अपना समय सन्दर्भ में भिखारी ठाकुर, अपना कला-निष्ठा आ कबित-विवेक वाला रंग-कर्म से अपना समय के सर्वाधिक लोकप्रिय कलाकार रहलन। ऊ लोकनाट्य-परम्परा…
श्री सत्यवादी छपरहिया ‘अगस्त’ संस्कृत ‘अगस्त्य’ आ अँगरेजी ‘औगस्ट’ के भोजपुरी रूप हवे. एह शब्द से कई एक गो माने-मतलब निकलेला. पौराणिक युग में अगस्त नाँव के एगो लमहर ज्ञानी-ध्यानी…