दिनेश-शशि-रसराज भइलें अक्षर सम्मानित

विश्व भोजपुरी सम्मेलन बलिया अउर “पाती रचना मंच” पिछला दिने बलिया शहर के टाउन हॉल में आयोजित 12 वां अधिवेशन में तीन गो चर्चित भोजपुरी कवियन – दिनेश पाण्डेय (पटना),…

देस, समाज आ सन्धिदूत…

– डॉ अशोक द्विवेदी ‘‘पहिले में आ आजु में एगो मूलभूत अन्तर ई आइल बा कि अतीत में,अत्याचार के नायक होत रहे. पृथ्वी पर संत्रास – शोषन के वातावरण लउके…

भोजपुरी के अप्रतिम सेवक डॉ अशोक द्विवेदी के सम्मानित कइके सम्मानित भइल साहित्य अकादमी

साहित्य अकादमी बरीस 2021-22 ला डॉ अशोक द्विवेदी के “भाषा सम्मान” देबे के घोषणा कइले रहुवे. कोरोना प्रोटोकॉल का चलते दू बरीस ले कवनो समारोह ना कइलसि साहित्य अकादमी. एह…

चेयर-चिपकेरिया

मुक्तेश्वर तिवारी ‘बेसुध’ (चतुरी चाचा) नाँव सुनिके चिहुकीं, चिहाईं जनि. मलेरिया, फाइलेरिया, हिस्टीरिया, डायरिया वगैरह बेमारिये नीअर ‘चेयर-चिपकेरियो’ एगो बेमारी हवे जेवन आजु काल्हि हमरा देश में बड़ा जोर-शोर से…

बतरस आ पाती

अनिल कुमार राय ‘आंजनेय’ भोजपुरी अइसन भाषा ह, जवना पर केहू गुमान करि सकेला. एह भाषा के जेही पढ़ल, जेही सुनल, जेही गुनल ऊहे अगराइल, ऊहे धधाइल, ऊहे सराहल, ऊहे…

बदलत समय आ ‘‘पाती’’ के सउँवाँ अंक

बदलत समय में हमनी का संग, देश-समाज खातिर सोच-विचार आ ‘मत’ के जबर्दस्त द्वन्द चल रहल बा. देसवे ना, बलुक दुनिया में ई द्वन्द आपुसी खेमाबाजी आ आक्रामकता के हद…

पढ़े-लिखे वाला पाठक, पठनीयता आ “पाती” – हमार पन्ना

डॉ अशोक द्विवेदी एगो जमाना रहे कि ‘पाती’ (चिट्ठी) शुभ-अशुभ, सुख-दुख का सनेस के सबसे बड़ माध्यम रहे। बैरन, पोस्टकार्ड, अन्तर्देशी आ लिफाफा में लोग नेह-छोह, प्रेम-विरह, चिन्ता-फिकिर, दशा-दिशा आ…

कबीर : लोकज भाषा के सिद्ध सन्त

डॉ अशोक द्विवेदी ‘कबीर कूता राम का/मुतिया मेरा नाउँ। गले राम की जेंवड़ी/जित खैंचे, तित जाउँ।।’ कबीर उत्तर भारत के अइसन फक्कड़ मौला सन्त रहलन, जे अपना सहज लोकचर्या आ…

सामयिकी : अपना भाषा-साहित्य के चिन्ता में उपजल क्षोभ

जे भोजपुरी में, भोजपुरी खातिर, बिना लोभ-लालच आ मान-प्रतिष्ठा के परवाह कइले बरिसन से चुपचाप रचनात्मक काम कर रहल बा आ कइले जा रहल बा, ओके नजरअन्दाज कइ के, एक-दूसरा…

बोले-बतियावे से आगा / पढ़े-पढ़ावे के जरूरत !

– अशोक द्विवेदी लोकभाषा भोजपुरी में अभिव्यक्ति के पुरनका रूप, अउर भाषा सब नियर भले वाचिक (कहे-सुने वाला) रहे बाकिर जब ए भाषा में लिखे-पढ़े का साथ साहित्यो रचाये लागल…

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