बड़का के ? मौत, की रुपइया ?

– आशुतोष कुमार सिंह आदमी के सुभाव बुझल बहुते कठिन बा. एकरा के जेतना गहराई से बुझे के प्रयास करीले, ओही अनुपात में अउरी अनबुझाह होत चलि जाले. बाकिर पिछला…

भोजपुरी के तहस नहस

- आर्य संपूर्णानन्द भोजपुरी के भोजवाली पूरी समुझल केतना नादानी के काम बा, ई खाली पढ़े आ सुने वाली बाति नइखे. बहुते विचार मंथन के बाति बा. आज के माहौल…

आदित्य विक्रम बिड़ला कलाशिखर पुरस्कार

हर तरह के कला प्रस्तुति, परफार्मिंग आर्ट्स, के बढ़ावा देबे खातिर १९७३ में (स्व॰) आदित्य विक्रम बिड़ला एगो संस्था "संगीत कला केन्द्र" के स्थापन कइले रहन. तब से ई संस्था…

पत्रकारिता : काल्हु से आजु ले

- आर्य सम्पूर्णानन्द हम लगभग बीस बरिस से पत्रकारिता के अनुभव देखत बानी. तब से अब ले पत्रकारिता में जमीन आसमान के अन्तर आ गइल बा. तब त खादी के…

गाँवे गइनी गाँव से भगनी

- पाण्डेय हरिराम अक्टूबर का शुरु में गाँव गइल रहीं. सिवान जिला के पचलखी पंचायत के खुदरा गाँव. बड़ बूढ़ बतावेलें कि कबही एकर नाम खुदराज माने सेल्फ गवर्न्ड रहे.…

सिमी और संघ के एक बरोबर मानल

- पाण्डेय हरिराम बुधवार (छह अक्टूबर) का दिने राहुल गांधी, पी एम इन मेकिंग, कह दिहले कि कट्टरवाद का मामिला में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर एस एस) आ स्टूडेंट इस्लामिक…